अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2024: चुनाव आयोग की बढ़ती चिंताएं और सुरक्षा चुनौतियां
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2024 में, सुरक्षा और निष्पक्षता बड़ी चुनौतियां हैं। रिपब्लिकन पार्टी ने वोटिंग प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं, जिससे चुनाव आयोग अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है।
अमेरिका में इस बार राष्ट्रपति चुनाव न केवल बहुत करीबी हो रहा है, बल्कि विवादों और आशंकाओं से भी घिरा हुआ है। रिपब्लिकन पार्टी और डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि उनके समर्थकों को वोट डालने से रोकने की साजिश हो रही है। इसके चलते अमेरिकी चुनाव आयोग के लिए 5 नवंबर को वोटिंग और उसके बाद सुरक्षित तरीके से वोटों की गिनती कराना एक बड़ी चुनौती बन गया है।
चुनाव आयोग पर बढ़ते सवाल
2020 के चुनाव विवाद के बाद, इस बार आयोग अतिरिक्त सावधानी बरत रहा है। चुनाव में शामिल अधिकारियों का कहना है कि सोशल मीडिया पर कई तरह की अफवाहें फैल रही हैं, जिससे पूरी प्रक्रिया पर गहरे सवाल उठ रहे हैं। इस बार का माहौल इसलिए अधिक तनावपूर्ण है क्योंकि आरोप लगाने वाले केवल आम लोग नहीं, बल्कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के मालिक एलन मस्क जैसे प्रमुख लोग भी हैं।
अधिकारियों की सुरक्षा और सतर्कता
2020 के चुनाव के बाद हुई हिंसा और आरोपों के मद्देनजर इस बार चुनाव कर्मचारियों के लिए सुरक्षा भी एक अहम मुद्दा बन गया है। चुनाव आयोग ने कर्मचारियों की सुरक्षा बढ़ाने और उनका तनाव कम करने के लिए काउंसलिंग की व्यवस्था की है। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाहों पर नजर रखने के लिए एक विशेष टीम भी बनाई गई है। गंभीर अफवाहों की जांच के लिए FBI को भी सूचना दी जा रही है।
लंबा बैलेट पेपर: एक और विवाद
इस बार अमेरिकी चुनाव में बैलेट पेपर पहले से काफी लंबा है, जिससे इसे भरने में वोटरों को अधिक समय लग रहा है। कुछ राज्यों में लोग इसे भरने में 30 मिनट तक लगा रहे हैं, जिससे मतदान प्रक्रिया धीमी हो सकती है। इस वजह से लंबी लाइनें लगने और विवाद बढ़ने की संभावना भी जताई जा रही है।
तकनीक पर बहस
चुनाव में तकनीकी सुधारों पर बहस भी चल रही है। हालांकि, इस बार चुनाव प्रणाली में अधिक तकनीक के प्रयोग पर विवादों के कारण रोक लगा दी गई है। अधिकारी मानते हैं कि अमेरिका की चुनाव प्रणाली में अभी भी कुछ सुधार की जरूरत है।
2020 चुनाव का प्रभाव
2020 के चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप ने परिणामों पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया था, जिससे चुनाव बाद हिंसा की स्थिति बन गई थी। ट्रंप ने चुनाव के नतीजों को मानने से इंकार कर दिया था और कोर्ट में चुनौती दी थी। इस बार के चुनाव में भी वही तनाव महसूस किया जा रहा है, और आयोग पूरी तैयारी के साथ आगे बढ़ने की कोशिश कर रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2024 में वोटिंग और सुरक्षित काउंटिंग को लेकर आयोग की साख दांव पर है, और देखना होगा कि क्या इस बार प्रक्रिया शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो पाती है।
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