बॉलीवुड के महान अभिनेता रोहित शेट्टी पुराने फिल्मो के साथ धार्मिक को क्यों जोड़ते है।
इस आर्टिकल में रोहित शेट्टी की फिल्मो को लेकर धार्मिक के साथ क्यों जोड़ते है उनका मानना है की आज के समय धार्मिकता के ऊपर फिल्म बनाना काफी मुश्किल हो चूका है जिसपे देखने वाले लोग किसी न किसी सिन को जब देखते है तो उनके धार्मिक को ठेस पहुँचता है जिससे वो फिल्मो को आपत्तिजनक और ट्रोल करते है।
इसमें हमारे फिल्म बॉलीवुड बड़े अभिनेता रोहित शेट्टी की सोच फिल्मो को लेकर धार्मिक के साथ जोड़ा जा रहा है रोहित शेट्टी की 1975 में बानी फिल्म शोले जो की आज भी देखने वाले लोगो के दिलों में आज भी राज़ करता है जिसमे धर्मेन्द्र नामक अभिनेता जब महादेव मुहरत के पीछे फुसर फुसर करते थे तब देखने वाले लोग इसको बड़े चैन से देखते थे और इसे खूब सारा प्यार दिया जिसमे उन्होंने इसको धार्मिकता के साथ नहीं लिया लेकिन आज कल नए नए फिल्म बनते है उनके बनने से पहले ही लोगो के लिए उनके धार्मिक को ठेस पहुँचाने वाले ऐसे सिन जोकि फिल्मो में किसी धार्मिक सिन को बनाना काफी चुनौतीपूर्ण बन गया है जिसमे रोहित शेट्टी का मानना है की हमें फिल्म को ऐसे तरीके से बनाना चाहिए जिससे लोगो के धार्मिक को ठेस न पहुंचे।
जब सिंघम फिल्म को लोगो ने भोत सारा प्यार दिया तब स Singham Return फिल्म बनने से पहले रोहित शेट्टी के नेतत्व में रामायण के दर्शन के बाद इस फिल्म को बॉलीवुड परदे पर प्रकाशित कर दिया गया जिसके सिनेमा हाल में इल्म के लगते ही लोगो का सिंघम रिटर्न फिल्म के सारा प्यार और लोगो का आशीर्वाद फिल्म को काफी आगे की मुकाम तक और साथ ही साथ काफी ज़्यदा हिट फिल्म हुई और इस फिल्म से काफी अछि कासी कमाई भी करी गयी।
आज की बानी हुई काफी फिल्म को धार्मिक ट्रोल का सामना करना पढ़ रहा है जोकि नए नए कार्येकर्ता और फिल्म मेकर्स को काफी ज़्यादा सावधानी रखनी पढ़ती है इसमें फिल्म मेकर्स को देखना पढता है की उनकी फिल्म लोगो के धार्मिक ट्रोल का सामना न करना पड़े जिससे उनके कई करोड़ों का खर्चा फिल्मो पर लगाना उनका कई करोड़ों का नुकसान हो सकता है उनका कहना यही है की लोगो को धर्मनिर्पेक्ष और ऐसे सिन बनाने चाहिए जिससे लोगो के धर्म सेंटीमेंट का बचाव हो सके।
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